Monitor क्या है और कितने प्रकार के होते हैं

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Monitor क्या है 

Monitor एक आउटपुट डिवाइस है जो बिलकुल TV की तरह होता है. Output उपकरणों में सबसे अधिक काम आने वाला उपकरण मॉनिटर है यह एक Main Output Device है user मॉनिटर के द्वारा कंप्यूटर से बात कर सकते हैं.
कंप्यूटर पर हो रहे कार्य को दर्शाने के लिए मॉनिटर का ही उपयोग किया जाता है. मॉनिटर को VDU(Visual Display Unit) भी कहा जाता है. सामान्यत: प्रदर्शित रंगो के आधार पर मॉनिटर को 3 भागों में बांटा गया है.
1. Monochrome:- यह दो शब्द Mono मतलब (एकल/Single) तथा Chrome (रंग/Colour) से मिलकर बना है. इस प्रकार के मॉनिटर black and white कलर के रूप में output देते हैं.
2. Gray Scale:- यह एक विशेष प्रकार के मोनो क्रोम मॉनिटर होते हैं जो Gray Shade मैं output देते हैं.
3. Color Monitor :- RGB(Red Blue Green)  विकर्णो के आउटपुट को प्रदर्शित करता है.
RGB की वजह से मॉनिटर high resolution पर Graphics को दिखाते हैं . कंप्यूटर की मेमोरी की क्षमता अनुसार ऐसे मॉनिटर 16 से लेकर 16 लाख तक के रंगों में आउटपुट देने की क्षमता रखते हैं.

मॉनिटर कितने प्रकार के होते हैं?

अगर हम बात करें मॉनिटर के प्रकार की तो हमारे पास निम्न तीन प्रकार के मॉनिटर होते हैं.
#1. CRT ( Cathode Ray Tube )

#2. LCD (  Ray Tube )
#3. LED ( Cathode Ray Tube )

CRT Monitor :- अधिकतर कम्प्युटर में इस प्रकार का मॉनीटर काम में लिया जाता हैं। यह Television के समान ही कार्य करता है, इस प्रकार के मॉनीटर में ज्यादातर CRT(Cathode Rays Tube) Monitor काम में लेते हैं। CRT Monitor Phosphor Coated Screen हैं और जब इलेक्ट्रॉन इस Screen पर गिरते हैं तो Screen पर रोशनी दिखाई देती हैं।
इसकी Picture quality अच्छी होती हैं। Black & White Monitor  Monochrome hed हैं। Monochrome Monitor में इलेक्ट्रॉन की एक किरण उत्पन्न होती हैं। जबकि रंगीन कम्प्युटर में RGB (Red,Green, Blue) की तीन किरणें उत्पन्न होती हैं।
CRT Monitor की बनावट:- CRT Monitor में सबसे पीछे एक Tube होती हैं जिसे CRT (Cathod Ray Tube) कहते हैं। इसमें एक Filament लगा रहता हैं, जो गर्म होता हैं। CRT के आगे की तरफ तीन Electron Gun होती हैं, जिसमें से तीन अलग-अलग रंग निकलते हैं, इसमें आगे की तरफ एक Focusing Device होता हैं।
यह Focusing Device Rays को एक सीधी रेखा में बनाए रखता हैं। इससे आगे की तरफ Magnetic Deflection Coil होती हैं, जो Rays के direction को Decide करती हैं जो कि आगे कि तरफ Phosphor Coated Screen पर गिरती हैं जिससे यह Screen Glow करती हैं।
LCD - (Liquid Crystal Display) :-LCD एक Digital Display System हैं। जिसमें कॉच की दो परतो के मध्य पारदर्शी द्रवीय पदार्थ होते हैं। LCD की बाहरी परत Tin-Oxide द्वारा Coated होती है LCD Monitor अधिकांशतः लेपटॉप कम्प्युटर में काम में लिये जाते हैं, इसतरह की Screen Laptop के अतिरिक्त Calculator, Videogame व Digital Camera में काम ली जाती हैं।
लाभ :-
(1) इसमें कम बिजली का उपयोग होता हैं।
(2) इनका आकार छोटा होता हैं।
हानि :-
(1) यह अधिक महँगा होता हैं।
(2) Resolution अधिक अच्छा नहीं होता हैं।

LED (Light Emitting Diode) :- यह स्क्रीन फ्लेट पैनल डिसप्ले मोनीटर होता है, इस स्क्रीन पर इमेज को दिखाने के लिए पिक्सल के रूप में लाइट इमिटिंग डायोड का उपयोग किया जाता है। इस स्क्रीन में ज्यादा ब्राइटनेस होती है, जिससे की आसानी से इमेज को अच्छे से देखा जा सकें तथा कम पॉवर की आवश्यकता होती है।

TFT (Thin Film Transistor) :- यह फ्लेट स्क्रीन का ही एक रूप है जो आजकल मोनीटर तथा अन्य डिवाइस में अधिक प्रयोग किया जात रहा है। यह हल्का और साइज में पतला होता है। यह LCD का ही अन्य रूप हो सकता है।

प्लाजमा मॉनीटर (Plasma Monitor):- प्लाजमा मॉनीटर मोटाई में बिल्कुल पतला होता है जो शीशे (Glass) के दो शीट के बीच में एक विशेष प्रकार के गैस को डालकर बनाया जाता हैं। यह विशेष प्रकार का गैस नियोन (Neon) या जेनन (Xenon) होता हैं जब गैस को छोटे-छोटे इलेक्ट्रॉड (Electrodes) के ग्रिड (Grid) के माध्यम से ।

विद्युतिकरण (Electrified) किया जाता हैं, तब यह चमकता हैं। ग्रिड के विभिन्न बिन्दुओं पर जब एक विशेष माप कर वोल्टेज दिया जाता तब यह पिक्सल के रूप में कार्य करता हैं तथा कोई आकृति (Image) प्रदर्शित होता हैं।

मॉनीटर की विशेषताएं (Main characteristics of A Monitor) :-

स्क्रीन पर बने हुए छोटे-छोटे डॉट्स (Dots), पिक्सल (Pixels) कहलाते हैं। यहाँ पिक्सेल (Pixel) शब्द पिक्चर एलीमेंट (Picture Element) का संक्षिप्त रूप हैं। स्क्रीन पर ईकाई क्षेत्रफल में पिक्सलों की संख्या रेजोल्यूशन(Resolution) को व्यक्त करती हैं।
स्क्रीन पर जितने अधिक पिक्सेल होगें स्क्रीन का रेजोल्यूशन (Resolution) भी उतना ही अधिक होगा अर्थात् चित्र उतना ही स्पष्ट होगा। एक डिस्प्ले रेजोल्यूशन माना 640 by 840 है तो इसका अर्थ है कि स्क्रीन 640 डॉट के स्नम्भ (Coluumn) और RA0 डॉट की एंक्तियों (Rows) से बनी हैं।
रिफ्रेश रेट (Refresh Rate) :- कम्प्युटर मॉनीटर लगाता कार्य करता रहता है। यद्यपि इसका अनुभव हम साधारण आँखों से नहीं कर पाते हैं। कम्प्युटर स्क्रीन पर इमेज बायें से दायें तथा ऊपर से नीचे इलेक्ट्रॉन गन के द्वारा परिवर्तित होती रहती हैं।
परन्तु इसका अनुभव हम तभी कर पाते हैं। जब स्क्रीन 'क्लिक' करती हैं। प्रायः क्लियर (स्क्रीन का Refresh का होना) का अनुभव हम तब कर पाते है जब स्क्रीन तेजी से परिवर्तित नहीं होती हैं। मॉनीटर की रिफ्रेश रेट (Refresh Rate) को हर्ट्ज में नापा जाता हैं।
डॉट पिच (Dot Pitch) - डॉट पिच एक प्रकार की मापन तकनीक हैं, जो कि दर्शाती हैं कि प्रत्येक पिक्सल (Pixel) के मध्य कितना Vertical अन्तर हैं।
बिट मैपिंग (Bit Mapping):- ग्राफिक्स आउटपुट Display करने के लिये जो तकनीक काम में लायी जाती हैं, वह बिट मैपिंग (Bit Mapping) कहलाती हैं। इस तकनीक में बिट मैप ग्राफिक्स का प्रत्येक पिक्सल ऑपरेटर द्वारास्क्रीन पर नियन्त्रित होता हैं। इससे ऑपरेटर किसी भीआकृति की ग्राफिक्स स्क्रीन पर बना सकता हैं।

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