Raksha Bandhan 2020 - रक्षा बंधन तिथि, मुहर्त

Raksha Bandhan (Rakhi) 2020 in Hindi


Rakhsha bandhan

नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं भाई बहन का एक पवित्र त्यौहार जिसे हम कहते हैं रक्षा बंधन l आज हम जानेंगे के हम लोग रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं और क्या कारण है कि हम इस त्यौहार को एक अलग ही भूमिका देते हैं|

पूरे देश भर में उत्साह से मनाया जाने वाला यह त्यौहार ना केवल भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है अपितु  परिवारों को जोड़े रखने का एक अच्छा माध्यम हैl तो पुरातन काल से मनाए जाने वाले इस त्यौहार का क्या कारण है आज हम इसके बारे में बात करेंगेl

रक्षाबंधन त्यौहार के बारे में जानने से पहले आईये हम जानते है इस वर्ष ये फेस्टिवल कब मनाया जायेगा | 

Raksha Bandhan 2020 

 इस वर्ष रक्षा बंधन कब मनाया जायेगा 3 August 2020 
पूर्णिमा तिथि - 21:28 (2 August )- Start
पूर्णिमा तिथि - 21:27 (3 August )- Finish
राखी बांधने का समय - 09:28 से 21:14

रक्षाबंधन त्यौहार कब और क्यों आरंभ हुआ ?

कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार देतयो के राजा बलि ने 110 यज्ञ पूर्ण कर लिए थे l जिस कारण देवताओं का डर बढ़ गया कि कहीं राजा बलि अपनी शक्तियों से स्वर्ग लोक पर अपना अधिकार ना कर ले l इसलिए सभी देवता स्वर्ग की रक्षा के लिए विष्णु भगवान के पास पहुंचे l
तब देवताओं की परेशानी को जानने के बाद विष्णु भगवान ने वामन अवतार लिया और राजा बलि से भिक्षा मांगीl

भिक्षा  में राजा बलि ने 3 पग भूमि देने का निश्चय किया | तब भगवान विष्णु ने 1 पग मैं स्वर्ग लेने का निश्चय किया फिर दूसरे पद में पृथ्वी को लेने का निश्चय किया और जब राजा बलि ने तीसरा पग आगे आता देखा तो वह परेशान हो गया और समझ नहीं पाया कि वह तीसरा पग क्या दें तो फिर बली ने अपना सिर भगवान विष्णु के तीसरे पग के नीचे रखा और भगवान विष्णु से कहा कि आप आपका तीसरा पग मेरे ऊपर रख दे l

इस प्रकार राजा बलि से पृथ्वी और स्वर्ग पर अधिकार छिन गया l राजा बलि अब रसातल में चले गए और उन्होंने विष्णु भगवान से एक वरदान मांगा कि वह हमेशा उसके सामने ही रहे और इस कारण से विष्णु भगवान को राजा बलि का द्वारपाल बनना पड़ा l

कृष्ण भगवान के द्वारपाल बनने के कारण से देवी लक्ष्मी दुविधा में पड़ गई वह विष्णु जी को रसातल से वापस लाना चाहती थी तब देवी लक्ष्मी को नारद जी से इस समस्या का उपाय मिला फिर लक्ष्मी जी ने राजा बलि के पास जाकर उसे राखी बांधी और राजा बलि को देवी लक्ष्मी ने अपना भाई बना लिया और देवी लक्ष्मी ने उपहार में भगवान विष्णु को मांगा l जिस दिन देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी वह दिन श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था और इसी कारण से रक्षाबंधन मनाया जाता है l

रक्षा बंधन जो महाभारत से संबंध रखती है


दोस्तों रक्षाबंधन की एक पौराणिक कथा और है जो महाभारत से संबंध रखती है आइए जानते हैं उस कथा के बारे में l
महाभारत कथा में जब भगवान श्री कृष्ण शिशुपाल का वध अपने चक्र से किया था और जब चक्र श्री कृष्ण के हाथ में वापस आया तो भगवान श्री कृष्ण की उंगली कट गई तब पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने अपनी साड़ी का किनारा चीर कर श्री कृष्ण के उंगली में बांध दिया और इस कारण से श्री कृष्ण ने द्रौपदी को एक वचन दिया कि वह संपूर्ण जिंदगी द्रौपदी की रक्षा करेंगे l

इसी रेन को चुकाने के लिए द्रौपदी के चीरहरण के समय भगवान श्री कृष्ण चीर के रूप में आए द्रौपदी की रक्षा की ।

तो दोस्तों यह थी कुछ रक्षाबंधन से जुड़ी कथाएं जिससे हमें ज्ञात होता है कि रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है या फिर रक्षाबंधन किस लिए मनाया जाता है l


रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है ?

दोस्तों अब मैं आपको बताना चाहूंगा रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है l रक्षाबंधन के त्यौहार में एक बहन अपने भाई को उसकी कलाई पर एक राखी बनती है और अपने भाई का मुंह मीठा कराती है और भाई अपनी बहन को भेंट स्वरूप तोहफा देता है l और इसके साथ मैं अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है l

हमने क्या सीखा 

दोस्तों मैं आशा करता हूं अब आप समझ गए होंगे कि रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं और कैसे मनाते हैं तो अगर आपको यह पोस्ट पसंद है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करिएगा और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक ट्विटर पर शेयर कर दीजिएगा धन्यवादl

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